4 मई 2014

Braj SADBHAVNA YATRA 2014
AYODHYA TO BAREILLY   
01-o6-2014 to 08-06-2014


पश्चिमी उत्तर प्रदेश सदियों से धार्मिक संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का ऐसा प्रतीक स्थल रहा है जो अपनी मिली जुली संस्कृति के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। एक तरफ रामायण-महाभारत जैसे ऐतिहासिक महाकाव्य भारतीय संस्कृति को अलंकृत करते है वही मुगलकालीन नृत्य- संगीत, चित्र एवं वास्तु कला से सज्जित अनेको धरोहरें इसकी शोभा को बढ़ाती है। पूरे विश्व में सुंदरता और प्रेम का प्रतीक ताजमहल आज भी सैकड़ो लोगो की आस्था का केंद्र बना हुआ है। जहाँ सिर्फ देश के नहीं बल्कि पूरे विश्व के कौन कौन से पर्यटक दर्शन हेतु आते है। और इसके सौन्दर्य से अभिभूत हो के अपने को धन्य मानते है। इसकी फिजा में एक अजीब सा आकर्षण है जो लोगो को स्वर्ग सी अनुभूति देता है। और लोग इसके आगोश में खिचे चले आते है। शायद इसीलिए शाहजहाँ ने कहा था -

जो दोषी है उन्हें, यहाँ शरण लेनी चाहिए
एक माफ़ी से , वे अपने सारे पापों से मुक्त हो सकते हैं
हर पापी को एक बार अवश्य इस महल की तरफ रुख करना चाहिए
उसके अतीत के सारे पाप धुल जायेंगे
इस महल का दर्शन इतना करुणदायक है कि
सूरज और चन्द्रमा भी अपनी आँखों से आँसू बहा देते हैं
दुनिया में इस तरह की ईमारत का बनना
निर्माता की रचनात्मकता और महिमा को प्रदर्शित करता है ……

उपर्युक्त लाइने एकदम सटीक वर्णन है ताज महल की महता का। ब्रज की धरती की खाशियत ही कुछ ऐसी जहाँ इतनी सुन्दर सुन्दर इमारतों और व्यक्तित्व का निर्माण हुआ है। एक तरफ हिंदी -उर्दू भाषा के मेल से जुबां पे प्रेम गीत फूटते है तो वही दूसरी तरफ गंगा यमुना नदिया अपने निर्मल जल की शीतलता से लोगो के मन को पवित्र एवं स्वच्छ करती हैं। इतना ही नहीं समय समय पर ब्रज की धरती पर आयोजित होने वाले तीर्थ- त्यौहार आपसी मेल जोल एवं सौहार्द की ऐसी खूबसूरत छटा बिखेरते है कि हर दिल आपस में जुड़ जाने को मजबूर हो जाता है और जाति -धर्म पीछे छूट जाते है बस हर तरफ प्रेम और सौहार्द के गीत बजने लगते है।  पर यह अत्यंत अफ़सोस की बात है कि कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा इसकी फ़िज़ा में जहर घोलने की कोशिश की जा रही है। वे लोगो की भावनाओ को भड़का के समाज की शांति व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते है चाहे मुज़फ्फरनगर के दंगे हो या मेरठ के दंगे हर जगह यही देखने को आया है कि सिर्फ कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा धर्म और मजहब की आड़ में दो समुदायों को आपस में लड़ाया जाता है।  जिससे पूरे प्रदेश की शांति और एकता को बिगाड़ा जा सके। यही वो वक्त है जब हमे अपने धैर्य की परीक्षा देनी है और यह साबित कर देना है कि सांप्रदायिक ताकते चाहे जितना जोर लगा ले। वे हमारी एकजुटता और आपसी सौहार्द को खंडित नहीं कर सकते है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश हरियाली और शांति का प्रतीक रहा है और आगे भी रहेगा ।

यही सन्देश लेकर हम ब्रज सदभावना की यात्रा पर निकले है जिसमे हम शांति और एकता के सन्देश का प्रचार - प्रसार करेंगे। यह यात्रा अयोध्या से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलो पर भ्रमण करेगी और इस दौरान हम सभी धर्मो के लोगो के बीच एकता और सदभाव का सन्देश पहुंचाएंगे, शान्ति के गीत गायेंगे, पर्चे बाटेंगे और कौमी एकता के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए आम जन मानस को साम्प्रदायिक सदभाव हेतु प्रेरित करेंगे। 

आप सभी से आग्रह है कि आप भी इस यात्रा से जुड़े और शांति एवं सदभाव के पावन कार्य में अपना सहयोग दीजिये।