28 मार्च 2014

16वी लोकसभा चुनाव और हमारी जिम्मेदारियाँ
अपील
महोदय,16वी लोकसभा चुनाव सर पर है, इस समय विभिन्न सियासी दलों ने अपना प्रचार तंत्र को तेज़ कर दिया है। . कुछ ऐसे भी दल हैं जो धर्म को हथकंडे के रूप मे इस्तेमाल करने का पुरजोर प्रयास कर दिया है । इससे समाज मे एकता अमन और भाई चारे के लिए समस्या खड़ी हो जाती है हम ऐसे देश मे रह रहे है जो बहुलतावादी मिली जुली संस्कृति की पूरी दुनिया मे वाहक है।  यहाँ के लोगों के जीने का तरीका पूरी दुनिया का प्रेरणा देता आ रहा हैं।  इस  एकता के कारण ही यह देश विशाल है।  हमे यह भी सीख लेने की जरूरत है कि धर्म निरपेक्षता की बुनियाद ही हमारे देश को बनाए रखा है।  दुनिया मे जो भी देश धर्म निरपेक्ष नही हैं वह टुकड़ो –टुकड़ो मे बटे हुये हैं ।  कुछ दशको से कुछ उन्मादी तत्व हमारी महान विरासत को तोड़ कर यहाँ के मेलजोल व  ताने बाने को नुकसान पहुंचाने पर तुला हुआ है।  अतः हमे ऐसे अवसर पर इनपर कड़ी निगाह रखने की जरूरत है।  इस तरह से हमे सतर्क रहना पड़ेगा
क –उन्मादी ताक़तें पम्पलेट,पोस्टर,पर्चा एवं जनसम्पर्क के माध्यमों से नफरत फैलाने का हथकंडा अपनाते हैं इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को जरूर दें ।
ख- दंगों मे भूमाफिया,सटोरियों,दबंग प्रजाति के लोगों की अहम भूमिका होती है इन पर भी निगाह रखें ।
ग-दंगों मे आमतौर पर गरीब और अनपढ़ो को भी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है जब कि इन दंगों मे सबसे अधिक नुकसान इन्ही का होता है इनसे संवाद कायम करने की जरूरत है ।
घ- हमे धर्म को हथकंडे के रूप मे इस्तेमाल कर दंगे कराने वाले नेताओ से भी सजग रहने की जरूरत है ये लोग दंगा भी कराते हैं और बाद मे दंगाइयों कि निंदा भी करते हैं ।
च-सियासती ताक़तें धर्म स्थलों मे अपवित्र पदार्थ दंगों का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं,  ऐसे हरकत करने वालों पर संघठित रूप से कारवाई करने की जरूरत है ।
छ –हर धर्म के लोगों को मिलजुल कर सौहार्द के लिए हर कस्बों,गावों,तहसीलों मे मिलकर अमन कमेटी बनाने की जरूरत है।
निवेदक:
अयोध्या की आवाज
320,सरयूकुज मन्दिर दुराही कुँआ, अयोध्या जिला फैजाबाद , उत्तर प्रदेश

संपर्क:09451730269,ईमेल- ykshashtri@gmail.com

22 मार्च 2014

                                      एकता प्रतीक होली मिलन                                                                                   

अयोध्या।साझी विरासत की नगरी अयोध्या के सरयूकुंज राम जानकी मंदिर मे प्रेम मोहबत ओर यकता के संकल्प के साथ होली मिलन समारोह सम्पन्न हुआ /आशा ट्रस्ट वाराणसी और अयोध्या की आवाज के संयुक्त बेनार तले आयोजित समारो को संभोधित करते हुये प्रदेश की राज्य मंत्री राम कारण आर्य ने कहा की यह पर्व राजतन्त्र पर जनतंत्र के विजय प्रतीक है /यह दुनिक का प्रथम सत्याग्रह भी है /उन्होने ने कहा की इसके सतरंगी खेल धर्म जाति और मजहब से ऊपर उठकर इंसान बनकर जीनेकी प्रेरणा देती है समारो के आयोजक युगल किशोर सारण शास्त्री ने कहा की होली पर्व मे कुछ कथानक ऐसे जोड़ दिये गए है जिससे इसका मूल भाव नष्ट होने के कगार पर पहुच चुका है। यह पर्व उन सभी का है जिनका सोच इंसानियत का है। इस समारोह की खासियत यह रही की इसमे हिन्दू मुसलिम और बौद्धिष्ठ आदि धर्म और मज़हब के लोगों ने भी अपनी उपस्थिती दर्ज़ कराया। समारोह को हाजी असद ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर भानते रथ पाल,बमबम यादव,अमरनाथ वर्मा,राम मिलन शास्त्री,एरम सिद्दीकी,,बासुदेव यादव,मनोज गोंड सहित दर्जनो लोग मौजूद थे।

17 मार्च 2014

बिहार सद्भावना यात्रा 2014



                        रिपोर्ट
               बिहार सद्भावना यात्रा 2014
                 { मोहम्मद जीशान }
विगत 14 मार्च को पटना मे बिहार सद्भावना यात्रा  बड़े धूम धाम से सम्पन्न हुआ ।  इस यात्रा का उद्देश्य रहा है  बिहार राज्य के ग्रामीण एवं शहरी जीवन को प्यार मोहब्बत और सांप्रदायिक सोहार्द के लिए प्रेरित करना  
 आशा ट्रस्ट कैथी वाराणसी , अयोध्या की आवाज़ , पी वी सी एच आर वराणसी , ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट फोरम मुजफ्फरपुर , बुनियाद बेहतर कल की नयी दिल्ली के साझेदारी से यह यात्रा निकाली गयी थी,नेतृत्व चिश्ती सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित युगल किशोर शरण शास्त्री ने किया । इनके नेतृत्व मे देश की लंबी दूरियो की यह 14वी यात्रा है । यात्रा मे कबीर भजन गायक राम प्रसाद साहिब , उमेश दास , मुहम्मद जीशान , सत्यम दास , नेहा कुमारी , सीमा कुमारी शामिल थे । राम प्रसाद साहिब ने बिहार प्रांत के विभिन्न पड़ावो और स्थलो पर कबीर भजन से वहाँ के लोगो को मानव एकता के लिए प्रेरित किया ।
बिहार सद्भावना यात्रा अयोध्या से 5 मार्च को निकाली गयी थी, यह वह स्थल है जहां न तो दंगा होता है न ही फसाद । यहाँ मिल जुल कर रहने की स्वभाव  सदियों से  है । अयोध्या का मतलब होता है जहां युद्ध न हो । बात तब बिगड़ती है जब बाहरी फासिस्टवादी ताक़तें यहाँ के साझी विरासत पर हमला करता है । यह वो स्थली है जो हिन्दू , मुस्लिम, सिख , बौद्ध और जैनियो के लिए पवित्र है ।
सद्भावना यात्रा सर्व प्रथम अयोध्या से चल कर कबीर निर्वाण  स्थली मगहर पहुंची जहां के गद्दी नशीन विचार साहिब ने यात्रियो का स्वागत किया । इसके पहले बस्ती के प्रकसीस विद्या पीठ मे यात्रियो का स्वागत किया गया तथा छात्रो के मध्य एक कार्यक्रम भी रखा गया । जिसमे युगलकिशोर शास्त्री एवं विद्यालय के प्रबन्धक प्रशांत पांडे ने स।मप्रदयिक सौहार्द और उनकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला । राम प्रसाद ने कबीर भजनो से छात्रो एवं जन समुदाए को एकता के रंग मे अवगाहन कराया । मगहर मे कबीर स्मारिका भी वितरित की गयी
6 मार्च को बिहार सदभावना  यात्रा प्रातः 9 बजे गोरखपुर के मुंशी प्रेम चंद पार्क पहुंची जहां पर सामाजिक कार्य कर्ता मनोज सिंह ने अपने साथियों के साथ यात्रियों का स्वागत किया । यह वह स्थली है जहां पर मुंशी प्रेम चंद सन 1916 से 1923 तक निवास कर कई साहित्यों को लिखा था जिस मे ईदगाह की पृष्ठ भूमि उल्लेखनीय है । यहाँ पर उपस्थित समुदायों को यात्रियो ने सांप्रदायिक सौहार्द के प्रति मुखातिब कराया, यह यात्रा आगे की ओर बढ़ते हुए कुशीनगर पहुंची जहां पर बौद्ध भिखु गौतम ने सभी का स्वागत किया।  यात्रियो ने वहाँ स्थित कई मंदिरो से प्रेरना लिया जिस मे बुध महनिरवाण मंदिर मुख्य है । यहाँ से बिहार सद्भावना यात्रा जन जन मे प्रचार प्रसार करते हुए साय पूर्वी चंपारण के शिव देनी राम अयोध्या प्रसाद महाविद्यालय बड़ा चकिया बिहार पहुंची जहां पर विध्यालय के प्राचार्य हरीनारायण ठाकुर ने सभी को स्वागत किया ।
7 मार्च को कबीर भजन के कार्यक्रम के बाद बिहार सद्भावना यात्रा दरभंगा पहुंची वहाँ पर अब्दुल शाकिलुर्राहमान ने यात्रियों का स्वागत किया सायम  काल जमाते इसलामी हिन्द कार्यालय के हाल मे एक सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसमे यात्रा के संयोजक युगलकिशोर शास्त्री ने साझी विरासत की मजबूती पर विस्तार से चर्चा  किया । राम प्रसाद साहीब ने एकता के भजनो से सम्पूर्ण वातावरण को सुगंधित किया
8 मार्च को यात्रा सुपोल जनपद के भभटियाही  पहुंची जहां वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पंचम नारायण भाई एवं सर्वोदयी सूर्य नारायण और साथियों ने सद्भावना यात्रा का स्वागत किया ।रात्री मे कबीर भजन संध्या का आयोजन किया गया । 9 मार्च को बी,एन कालेज मे सेमिनार का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता  अरुण कुमार एवं मुख्य अतिथि के रूप मे शास्त्री मौजूद थे।  यहाँ पर भी लोगो ने सांप्रदायिक सद्भाव  के लिए प्रेरित किया सेमिनार का संचालन पंचम नारायण ने किया
9 मार्च को बिहार सद्भावना यात्रा मधेपुरा पहुंची वहाँ पर अंबेडकर छात्रावास मे भव्य आयोजन मे शास्त्री ने अपने उदभोदन मे मानव एकता की उपयोगिता को लोगो के बीच रखा । राम प्रसाद साहिब ने वहाँ के महोल को संगीतमय बना दिया ।
10 मार्च को बिहार सद्भावना यात्रा भागलपुर के कलाकेंद्र पहुंची यात्रा के स्वागत मे वहाँ पर ऑल इंडिया सेकुलर फोरम द्वारा सेमिनार का आयोजन कराया गया । जिसे शास्त्री राम प्रसाद और स्थानीय लोगो ने अपने विचार रखे ।
11 मार्च को यात्रा मुंगेर जिला के खड़गपुर के पंचवटी आश्रम पहुंची । जहां पर अभय व उनके साथियो के निर्देशन मे गोष्ठी रखी गयी जिसे विभिन्न यात्रियो व स्थानीय लोगो ने संबोधित किया । साय काल के समय कटी चोराह दुर्गा मंदिर के सामने एक खुली सभा का आयोजन किया गया । यहाँ पर शास्त्री ने सांप्रदायिक सदभाव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला । राम प्रसाद साहिब के भजनो को श्रोताओं ने सराहा
12 मार्च को यात्रा बौध गया के निरंजना पब्लिक वेल्फेयर स्कूल पहुंची जहां पर संस्था की ओर से सिधार्थ कुमार , वीरेंद्र कुमार , राकेश कुमार आदि ने भव्य स्वागत किया । रात्री के समय कबीर भजन संध्या का आयोजन किया जिसे लोगो ने खूब सराहा ।
13 मार्च को बिहार सद्भावना यात्रा बिहार की राजधानी पटना पहुंची । यहाँ पर समापन अवसर  पर तीन अलग अलग स्थलो पर कार्यक्रम रखे गए थे प्रैस क्लब आई एम ए हाल मे आयोजित सेमिनार को युगल किशोर शरण शास्त्री , वरिष्ठ पत्रकार हरीनारायण ठाकुर, एवं प्रोफेसर सुहेल अहमद ख़ान ने सांप्रदायिक सौहार्द पर
अपना विचार रखा । आईएस अवसर पर राम प्रसाद साहिब द्वारा   “मोरा हीरा हेराइगाइल कचरे मे”   के स्स्वर प्रस्तुति को लोगो ने खूब सराहा । जमाते इस्लामी हिन्द के कार्यालय मे व्यख्यान का आयोजन रखा गया  जिसे युगल किशोर शास्त्री ने हिन्दू मुस्लिम एकता को देश की अखंडता के लिए उपयोगी बताया ।  15 मार्च को प्रातः इमारते शरिया के सेक्रेटरी अनिसुररहमान कासमी की अगुआई मे व्यखायान का आयोजन किया जिसे युगलकिशोर शास्त्री ने संबोधित किया
बिहार सद्भावना यात्रा 2014 एक इतिहासिक यात्रा रही । यह यात्रा सभी धर्म मजहब जाती के बीच मे अपने विचारो को प्रचारित प्रसारित किया यात्री लोग अनुशासित रहे पर्चा आदि के माध्यमों से लाखो लोगो तक सद्भावना के संदेश को पहुंचाया ।
इसे हम पूर्ण सफल यात्रा भी कह सकते है ।