24 मई 2013

appeal,uttrakhand sadbhavna yatra 2013


अपील
उत्तराखंड सदभावना यात्रा १५ जून से २४ जून के बीच आयोजित की जा रही है...इस यात्रा में १५ सामाजिक कार्यकर्ता देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर शामिल होंगे जिसमे विभिन्न धर्मों के महिला पुरुष शामिल रहेंगे .यात्रा में पत्रक वितरण,गोष्ठी,सेमिनार,प्रभात फेरी एवं अन्य माध्यमों से १५ लाख लोगों तक सद्भावना का सन्देश पहुचना है.यात्रा का बजट १,६१,००० रूपये है जो आप के सहयोग पर निर्भर है.इससे पहले आप के सहयोग से ही ९ यात्रा का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था.इस यात्रा की अगुवाई युगल किशोर शरण शास्त्री जी करेंगे.आपसे यात्रा की खुले दिल से सहयोग करने की दरकार है.

Yugalkishore saran shastri
A/c no:-          627102010004072Ifsc code        ubino 562718Union bank ayodhya


संदीप पांडे,A893,इंदिरा नगर,लखनऊ
युगल किशोर शरण शास्त्री,सरयू कुञ्ज मंदिर,दुराही कुवां,अयोध्या

Budget Details of Utrakhand Sadbhavna Yatra 2013
Ayodhya to Badrinath
15 -24june 2013
Budget Details

Particulars                                                                                                    Amount (Rs.)
1. Transportation (Rent of Car)                                 30,000.00
2. Fuel (Diesel)                                                                                            22,000.00
3. Decoration of Vehicles                                                               5,000.00
4. Printing (Pamphlet, Poster, sticker, Banner)                                              15,000.00
5. Medicine                                                                                                     1,000.00
6. Foods (During the Yatra)                                                         20,000.00
7. Telephone, Mobile & Internet                                                   5,000.00
8. Photograph & Video                                                                 10,000.00
9. Inaugural Program in Ayodhya                                              20,000.00
10. Mick, Sound & Light                                                                 7,000.00
11. Stationery                                                                                                1,000.00
12. Traveling Exp.                                                                          15,000.00
13. Miscellaneous                                                                          10,000.00

Total Amount: 1,61,000.00
(One Lakh Sixty One Thousand Rs. only)


Yugul Kishor Sharan Shastri
“Ayodhya ki Awaj”
320,saryukunj Ram Janaki mandir, Durahi Kunwa , Ayodhya, Faizabad -224123
ykshashtri@gmail.com

23 मई 2013

उत्तराखंड सदभावना यात्रा 2013,अयोध्या से बद्रीनाथ तक


 उत्तराखंड सदभावना यात्रा 2013
  15-06-13 से  24-06-13 तक
अयोध्या से बद्रीनाथ  तक 

त्तराखंड सदभावना यात्रा का मुख्य मकसद उत्तराखंड की देवीय, सांस्क्रतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रतीक मानकर उत्तराखंड की जनता में शांति और सदभाव के सन्देश का प्रसार करना है। जैसा कि हम सभी जानते है कि उत्तराखंड धार्मिक संस्क्रति और विरासत का ऐसा प्रतीक स्थान है जो अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता है जो एक तरफ तो हिमालय की सफ़ेद बर्फीली चोटियों और हिमनदियो से ढ़का है तो वही दूसरी तरफ जिसकी निम्न तलहटियाँ हरे हरे सघन वनों से ढकी हुयी है जहाँ मन को प्रफुल्लित करने वाली असंख्य झीले है, नैनीताल - अल्मोड़ा जैसे प्राचीन हिल स्टेशन का रोमांच  और बदरीनाथ, केदारनाथ ,गंगोत्री यमुनोत्री जैसे पवित्र धार्मिक स्थल जो दुनियाभर के लाखो पर्यटकों के पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र के रूप में है। जहाँ नाना प्रकार के न्रत्यो, गढ़वाली स्वर के मधुर संगीत से सजी लोक कलाएँ हो| जहाँ विभिन्न धर्मो और संस्क्रति पर आधारित पर्व सर्वधर्म समभाव की भावना का विकास करते हो। जिसकी भूमि बड़े बड़े ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही हो। उत्तराखंड न सिर्फ प्राक्रतिक सौन्दर्य का प्रतीक है बल्कि यह हमारी सांझी विरासत और वसुधेव कुटुम्बकम की अवधारणा का भी प्रतीक है जो पूरे राष्ट्र में एकता और शांति का सन्देश भी फैलाता है पर यह अत्यंत अफ़सोस की बात है कि कुछ सांप्रदायिक ताकते हमारी इस सांस्क्रतिक और एतिहासिक विरासत में नफरत की भावना फ़ैलाने में लगी हुयी है वे अपने निहित स्वार्थो के लिए इस सांझी विरासत के प्रतीक को सांप्रदायिक केंद्र के रूप में बदल देना चाहती है जिसके तहत पिछले कुछ वर्षो में घटी घटनाये चाहे वे पवित्र धार्मिक ग्रंथो को जलाने की घटना हो या फिर दो सम्प्रदाओ के बीच आपसी झगड़े की घटना इन सभी के पीछे साम्प्रदायिक और संकीर्ण राजनीति करने वाले लोगो का ही हाथ है वे धर्म की आढ़ में लोगो के बीच नफ़रत फैलाकर धार्मिक उन्माद पैदा करना चाहते है जिससे वे अपने राजनीतिक स्वार्थी को पूरा कर सके। साम्प्रदायिक हिंसा और तनाव न सिर्फ दो सम्प्रदायों के बीच अलगाव पैदा करती है बल्कि यह हमारी संस्क्रति और हमारी विरासत को भी हानि पहुंचाती है जहाँ एक ओर हमारी संस्क्रति और मानवीय एकता कमजोर होती है तो वाही दूसरी ओर हमारा और हमारे समाज का विकास भी अवरुद्ध होता है और हमारी आंगे आने वाली पीढ़ियाँ भी इसी नफरत की आग में जलती है। 
इसलिए हम उत्तराखंड सदभावना यात्रा लेकर निकले जिसका मुख्य मकसद उत्तराखंड की जनता के बीच शान्ति एकता और सदभाव का सन्देश फैलाना, उत्तराखंड की संस्क्रति और विरासत का प्रसार प्रचार करना, शान्ति और समानता के लोक गीतों के माध्यम से लोगो को प्रेरित करना, आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है जिससे नफरत और अलगाव फ़ैलाने वाले लोगो के मकसद को विफल किया जा सके। 

साथियों हम अपनी यह यात्रा अयोध्या से शुरू कर रहे है। इसे अयोध्या से शुरू करने के पीछे भी एक खास मकसद है अयोध्या के इतिहास और महत्व से हम सभी अच्छी तरह परिचित है जितना ज्यादा प्राचीन अयोध्या का इतिहास है उससे भी ज्यादा शांति और सदभाव का प्रतीक । अयोध्या एक ऐसा स्थल जिसने विभिन्न सांप्रदायिक दंगो और झगड़ो के बाद भी अपनी सांझी विरासत को खोया नहीं बल्कि पहले से और अधिक समर्द्ध बनया है। बहुत सारे ऐसे मौके आये जब सांप्रदायिक ताकतों ने अयोध्या की फिजा में नफ़रत का जहर घोलने की कोशिश की है पर आपसी सौहार्द की प्रतीक अयोध्या की जनता ने उन्हें कभी भी अपने मकसद में कामियाब नहीं होने दिया और अयोध्या की सांझी विरासत को संजोये रखा हुआ है। और आज भी यह विभिन्न धर्मो एवं सम्प्रदायों के बीच शांति और सदभाव का सन्देश फैला रहा है । इसलिए हमने अपनी यात्रा अयोध्या से शुरू करने का निश्चय किया  जिससे कि हम उत्तराखंड की जनता के सामने अयोध्या का उदहारण रख सके और उन्हें सदभाव के लिए प्रेरित कर सके। 

आप सभी से आग्रह है कि आप भी हमारी इस यात्रा का हिस्सा बने और शांति एवं सदभावना जैसे पवित्र एवं महान सन्देश फ़ैलाने में अपना सहयोग दे।  लोगो के बीच अपने विचार रखे, शांति के गीत गाये, शांति के पर्चे बांटे, और यात्रा के साथियों का मनोबल बढ़ाये। 

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करे - 
युगल किशोर शरण शास्त्री
सरयूकुंज मंदिर, दुराहीकुआ,
अयोध्या ( उ प्र ) .
Email- ykshashtri@gmail.comayodhyakiawaj@yahoo.com
सम्पर्क सूत्र  - 9451730269

16 मई 2013

shok sabha

प्रगतिशील सामाजिक चिन्तक एव वैकल्पिक नाबेल पुरुस्कार( राईट लिविलीहुड) से सम्मानित 
डॉ. असगर अली इंजीनियर के निधन पर शोक सभा 


अयोध्या, सर्वधर्म सद्भाव केंद्र,  सर्जुकुंजदुरही कुआअयोध्या में अयोध्या की आवाज़ और अवध पीपुल्स फोरम के सयुक्त तत्वाधान में प्रगतिशील सामाजिक चिन्तक एव वैकल्पिक नाबेल पुरुस्कार (राईट लिविलीहुड) से सम्मानित डॉ. असगर अली  इंजीनियर का कल १४ मई को सुबह  हुए निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में युगल किशोर शरण शास्त्री ने  इंजीनियर साहब को याद करते हुए उनके द्वारा अयोध्या को साझी विरासत का केंद्र के रूप में पूरे विश्व में पहचान मिलनी चाहिएक्योकि की यहाँ सभी धर्मो से सम्बंधित स्मारक और धरोहर मौजूद है। यदि अयोध्या की साझी विरासत पहचान मजबूत होती है तो साम्प्रदायिक शक्तियों के हौसले पूरे देश में पस्त होगे. 2002 में इंजीनियर साहब पहली बार सामाजिक कार्यकर्ताओ के साथ बैठक किये थे। उसके बाद से लगातार वो अयोध्या-फैजाबाद में संघर्ष करते हुए कई बार यहाँ आकर हम लोगो की सरपरस्ती की है.  साकेत महाविद्यालय के डॉ. अनिल सिंह ने कहा की इनकी आत्मकथा "लिविंग फेथ" को पढने से ज्ञात होता है की हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बटवारे से इनके जीवन में काफी आसार डालाजिससे की इनको सामाजिक दिशा में काम करने की प्रेरणा मिली। अपने संघर्ष के प्रारंभिक दिनों में असगर साहब मार्क्सवादी विचारधारा से उसकी नास्तिकता के कारण परहेज़ करते थेकिन्तु बाद में मार्क्सवादी विचारधारा ने उनका दिल जीत लिया क्योकि उनको मार्क्सवादी और इस्लामिक मूल्यों में समानता नज़र आने लगी थी। उन्हे मह्सुश होता था की मार्क्सवादी होने के लिए नास्तिक होना ज़रूरी नहीं है। 2008 में  साकेत कालेज अयोध्या में उन्होंने साम्प्रदायिक और साझी विरासत पर एक हफ्ते की कार्यशाला का आयोजन किया जो काफी सफल रहा था और अयोध्या और आस-पास के जिलो के लोगो को उनके सानिध्य का आवसर मिला था। उनके चले जाने से धर्मंनिरपेछ   और लोकतान्त्रिक मूल्यों के लिए काम करने वाले लोगो ने पुरे देश में अपना अभिभावक खो दिया है। शोक की इस घडी में हम उनके बेटे और परिवार के साथ है। अब्दुल लतीफ़ ने कहा की इंजिनियर साहब अपने व्यापक सामाजिक सरोकारोंधार्मिक सुधर पर जोर देने की प्रवित्ति और साम्प्रदायिक के खिलाफ आथक संघर्ष ने उनको दाउदी बोहरा समुदाय के नेता से एक आखिल भारतीय व्यक्तित्व प्रदान किया। आफाक ने कहा की धार्मिक यथा स्थितिवाद और महिलाओ की स्थिति में सुधारो के प्रति प्रगतिशील नज़रिके के कराण उनके ऊपर कई बार व्यक्तिगत हमले भी हुए। फिर भी वो अपनी सोच पर अटल रहे. इरम सिद्दीकी ने कहा की हम डॉ. इंजीनियर के साथ लखनऊवाराणसीभोपाल में आधा दर्जन कार्यशालाओ में उनके साथ भागेदारी कीहमने हमेशा  यही पाया की महिलाओ के प्रति उनके नजरिया में दकियानूसी नहीं था. बल्कि वो महिलाओ के प्रति लोकतान्त्रिक और प्रगतिशील विचार रखते थे. शोक सभा में दिनेश सिंह, आजिज़ उल्लाहडॉ. महादेव प्रसाद मौर्या, गुफरान सिद्दीकी, संजय मिश्रआलोक निगमभंते राठ्पलारामानंद मौर्या,  विनय श्रीवास्तवमो. इमरानआदि लोगो ने अपने विचार व्यक्त किये. शोक सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखते हुए श्रद्दांजलि अर्पित की गई.