ब्रज सदभाव यात्रा एक रिपोर्ट
ब्रज सदभाव यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की फ़िज़ा में शांति एवं सदभाव की विरासत को मजबूत करने के लिए निकाली गयी थी। वैसे भी यह क्षेत्र
धार्मिक ऐतिहासिक स्थल के रूप मे प्रसिद्ध रहा है। पूरे विश्व मे सुंदरता और प्रेम
का प्रतीक ताजमहल आज भी लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. इसकी फिजा मे आज भी अजीब सा
आकर्षण है। दूसरी और ब्रज की धरती की खासियत ही कुछ ऐसी है। जहां पर संगीत के प्रतीक
तानसेन इस धरती को पाकर अपने को कृत्य माना। भाषा की दृष्ठि से अजीब मेल जोल है। दूसरी
और गंगा जामुनी नदिया हर धर्म और मजहब को साथ-साथ जीने की प्रेरणा देती हैं।
ब्रज सदभाव यात्रा युगलकिशोर शरण शास्त्री की अगुवाई मे निकाली गयी थी। जिसमे अन्य
सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही। इसे अयोध्या की आवाज़ जनसंगठन के तत्वाधान मे
निकाला गया था। इसके माध्यम से लाखों लोगों तक गंगा जामुनी तहज़ीब को पहुंचाने मे सफलता
मिली यात्रा का मकसद ही था -
डाल डाल अल्लाह लिखा, पात पात पर राम !
कौन चिड़ईया असगुन बोली, जंगल जला तमाम !!
यात्रा
के प्रमुख पड़ाव -
राम जानकी कुंज मंदिर
अयोध्या - अयोध्या की विरासत को साथ में लेते हुए अयोध्या की पवित्र पावन
धरती के चरण स्पर्श के साथ ब्रज सदभाव यात्रा की शुरुआत हुयी । यात्रा
आरम्भ से पूर्व राम जानकी कुंज मंदि रपरिसर में एक सभा का भी आयोजन किया
गया। जिसमे अयोध्या क्षेत्र के वरिष्ठ धार्मिक चिंतक, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, महंत आदि के साथ
शांति की भावना में विश्वास रखने वाले विभन्न सम्प्रदाय के लोग उपस्तिथ
थे। सभा में यात्रा के उद्देश्य एवं महत्त्व पर चर्चा के साथ विभिन्न
सम्प्रदायों को आपस में जोड़ने की बात हुयी। सभा में शामिल प्रमुख वक्ताओं
द्वारा अपनी अपनी शैली में शांति एवं सदभाव के विचारो को व्यक्त किया गया ।
सभा में यात्रा के सभी साथियो का स्वागत एवं परिचय भी हुआ ।
रानीपुर के एक दलित परिवार के संग - रानीपुर के एक दलित वर्ग के संभ्रांत परिवार द्वारा यात्रा के
उद्देश्य से प्रेरित होकर अपने घर पर यात्रा के साथियो का स्वागत एवं लिए चाय- पानी
की व्यवस्था की गयी । यहाँ हमने यात्रा
के पर्चे बांटे एवं अमन- शांति के
गीत गाये।
पी डब्लू गेस्ट हाउस बाराबंकी - सामाजिक
कार्यकर्त्ता रामनाथ मौर्य एवं उनके
साथियो द्वारा पी डब्लू गेस्ट हाउस
में सदभाव सभा का आयोजन किया गया ।
रामनाथ ज़ी ने यात्रा के साथियो का
स्वागत किया और यात्रा के उद्देश्य का
अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार करने
का वादा भी किया । शाश्त्री ज़ी यात्रा
के उद्देश्य को रखते हुए रामनाथ ज़ी
एवं उनके सभी साथियो का आभार व्यक्त
किया ।
आंबेडकर महासभा लखनऊ - आंबेडकर महासभा द्वारा अवध की धरती लखनऊ में यात्रा के स्वागत का
कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में खेल- कूद मंत्री लाल
ज़ी निर्मल,पूर्व आई.जी. एस.आर. दारा पुरी आंबेडकर महासभा अध्यक्ष
राम करन आर्या के साथ कई गणमान्य सदस्य उपस्तिथ रहे। कार्यक्रम में
यात्रा के संयोजक शास्त्री ज़ी को शांति के दूत के रूप में शाल एवं
सरस्वती प्रतिमा से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राम करन
आर्या ज़ी ने यात्रा के महत्त्व पर बल देते हुए शांति एवं सदभाव के लिए लोगो
से एक जुट होने की अपील की। विशिष्ट अतिथि लाल ज़ी निर्मल ने कहा कि उत्तर
प्रदेश की धरती सदियों से धार्मिक सहिषुणता एवं ऐतिहासिक विरासत की
जन्म स्थली रही है यहाँ विभिन्न धर्म एवं संप्रदाय की महान हस्तियों ने जन्म
लिया है और अपने कार्यो से पूरे विश्व के छाप छोड़ी है। ब्रज की धरती सदैव
से अमन-चैन पसंद रही है। और हमेशा रहेगी। ब्रज सदभाव यात्रा अपने उद्देश्यों
में अवश्य सफल होगी। पूर्व आई. जी. दारा पुरी जी ने लखनऊ की संस्कृति का
वर्णन करते हुए यात्रा के साथियो का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के बाद
लोगो के बीच यात्रा के पर्चे भी वितरित किये गए।
अपना घर बाल सदभावना केंद्र कानपुर - अपना घर के बाल सदभावना परिवार द्वारा " एक शाम
सदभाव के नाम " कार्यक्रम का
आयोजन किया। जिसमे मज़दूर वर्ग के 50 -60 बच्चो
ने भाग लिया। कार्यक्रम से
पूर्व बच्चो द्वारा यात्रा के सभी
साथियो का फूल - मालाओ के साथ स्वागत
किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अपना घर
के संचालक श्री महेश पाण्डे द्वारा
यात्रा का परिचय के साथ हुयी। महेश ज़ी
ने अपना घर की स्थापना और उसके
उद्देश्यों को समक्षाते हुए यात्रा को
अपना पूरा समर्थन देने की बात कही।
शास्त्री ज़ी ने यात्रा के महत्त्व एवं
अपने जीवन अनुभवों के रोचक किस्से
बच्चो के साथ सांक्षा किये। बच्चो ने भी
शांति एवं एकता के कई प्रस्तुत
किये। कार्यक्रम के अंत में श्री किशन
व्यास ने आभार व्यक्त करते हुए कहा
कि इस तरह की यात्राये हमारे समाज और
समुदाय को एक सूत्र में पिरोने का काम
करती है और इससे वर्तमान पीढ़ी को नेक
दिशा में चलने की प्रेरणा भी मिलती
है। अपना घर द्वारा यात्रियों के रात्रि
भोजन एवं विश्राम की व्यवस्था भी
की गयी।
नहेरु यूथ हॉस्टल आगरा - नहेरु युवा केंद्र द्वारा नहेरु यूथ हॉस्टल में ब्रज सदभाव यात्रा परिचय और उद्देश्य पर एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया गया। जिसमे
शास्त्री ज़ी ने यात्रा के उद्देश्य को पत्रकारों के सामने रखा। पत्रकारों के
प्रश्नो का ज़वाब देते हुए शास्त्री ज़ी ने कहा कि पूरे विश्व में अयोध्या
और फिलिस्तीन दो ऐसे सांक्षी विरासत के अनूठी मिसाल है। इनसे प्रेरणा लेकर
हम पूरे विश्व में शांति की स्थापना कर सकते है। इस दौरान महिला शांति
सेना और युवा शांति सेना के साथी भी मौजूद रहे। यात्रा में शामिल महिला साथी
कुसुम रावत ने भी पत्रकारों के सवालो का जवाब देते हुए शांति के कार्यो
में महिलाओ की भागीदारी पर बल दिया। रात्रि ठहराव की व्यवस्था नहेरु यूथ
हॉस्टल में की गयी। रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह यात्रा के सभी साथी
ऐतिहासिक धरोहर एवं प्रेम का प्रतीक ताज़महल का भ्रमण करते हुए यात्रा के अगले
पड़ाव वृन्दावन के लिए निकल गए।
बिंदु सेवा आश्रम वृन्दावन - ताज नगरी के बाद हम धार्मिक स्थली वृन्दावन पहुंचे। वृन्दावन
के बिंदु सेवा आश्रम द्वारा यात्रा का स्वागत एवं चर्चा कार्यक्रम रखा
गया। श्री प्रमलेंद्रु स्वामी ज़ी ने यात्रियों का स्वागत करते हुए
वृन्दावन के धार्मिक परिवेश पर प्रकाश डाला । शास्त्री ज़ी यात्रियों का
परिचय कराया और यात्रा के उद्देश्य की चर्चा की । बिंदु सेवा आश्रम अभावग्रस्त
बच्चो की शिक्षा के लिए कार्य करता है। सर्व धर्म समभाव की भावना में
विश्वास रखने वाले आश्रम का उद्देश है कि पूरे विश्व में अमन और चैन कायम
हो।
वृन्दावन में पहुंचकर राधा- कृष्ण मंदिर का भ्रमण न हो तो कुछ अधूरा अधूरा सा लगता है। इसलिए कार्यक्रम के बाद मंदिर
भ्रमण का कार्यक्रम तय था । इस दौरान वृन्दावन के प्रेम मंदिर घूमने का
अवसर प्राप्त हुआ। प्रेम मंदिर राधा- कृष्ण भक्ति का विशाल केंद्र है जहाँ
प्रतिदिन सैकड़ो लोग मंदिर दर्शन के लिए आते है। मंदिर में तकनीकी के
माध्यम से प्राचीन परंपरा / विरासत को आधुनिकता के साथ बड़ी खूबसूरती के
साथ जोड़ा गया है। मंदिर के सौंदर्य से सभी साथी अभिभूत थे। मंदिर परिसर में 1000 पर्चे भी बांटे गए। रात्रि भोजन और विश्रामआश्रम में हुआ। अगली सुबह
हम अपने अगले पड़ाव मेरठ के लिए निकल गए।
नेशनल माइनॉरिटी फ़्रंट मेरठ
- मेरठ में सामाजिक कार्यकर्त्ता सलीम सिद्द्की एवं उनके साथियो
द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया। मेरठ पहुँचते पहुँचते हमें देर शाम
हो गयी थी इसलिए शाम को हम कोई कार्यक्रम नहीं कर पाये। सलीम सहाब ने
अपने घर में रात्रि भोजन की व्यवस्था की। बहुत ही आदर सत्कार के साथ बेहद
स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गयी। रात्रि विश्राम पी डब्लू गेस्ट हॉउस
में हुआ।
अगली सुबह नेशनल माइनॉरिटी फ़्रंट के बैनर तले सदभावना परिवार द्वारा सदभावना गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमे पूर्व केंद्रीय सिचाई
मंत्री,
सुबह नेशनल माइनॉरिटी फ़्रंट के अध्यक्ष, के साथ कई वरिष्ठ
सदस्य उपस्तिथ हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सभी यात्रियों के सम्मान के
साथ हुयी। शास्त्री ज़ी ने यात्रा के महत्त्व वर्णन करते हुए मेरठ की फ़िज़ा
में नफरत घोलने के प्रयास में लगे हुए लोगो को प्रेम और शांति की राह
अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में उपस्तिथ पूर्व केंद्रीय सिचाई मंत्री ज़ी सभी
धर्मो के लोगो से एक जुट होकर रहने की अपील की। और यात्रा को अपना
समर्थन देते हुए हर संभव मदद का वादा किया । कार्यक्रम का संचालन कर रहे सलीम
सिद्द्की साहब ने यात्रा के साथियो का उत्साहवर्धन करते हुए सबका आभार व्यक्त
किया।
लीगल ऐड सेंटर मुज़्ज़फरनगर - मेरठ से चलने के बाद यात्रा अपने अगले पड़ाव के लिए मुज़फ्फरनगर
पहुंची। यहाँ पर यात्रा
के पड़ाव की व्यवस्था सामजिक
कार्यकर्त्ता रिहाना ज़ी के सानिध्य में
हुआ। यात्रा के एक साथी की तबियत ख़राब
हो जाने की वज़ह से मुज़फ्फरनगर में
किसी खास कार्यक्रम में भागीदारी नहीं
हो सकी। लीगल ऐड सेंटर के एक
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ समय यात्रा
के उद्देश्य को व्यक्त करने का
अवसर मिला । जिसमे शास्त्री ज़ी ने बहुत
ही सरल और साधारण शब्दों में
यात्रा के महत्त्व एवं उसकी ज़रुरत को
प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित
प्रतिभागियों के बीच यात्रा के पर्चे भी
बांटे गए।
यात्रा के एक सह-यात्री की तबियत अधिक
ख़राब हो जाने की वज़ह से यात्रा के आगे के पड़ावों को स्थगित कर दिया गया और यात्रा
वापस अयोध्या के लिए रवाना हो गयी। यात्रा के शेष पड़ावों का एक नयी तारीख तय
करके विधिवत ढंग से पूरा
किया जाएगा।
जाति न होई जीव के भाई, जाति भेद है मूरख ताई
अमन के सब रखवाले हम एक हैं एक हैं।
इंसान से इंसान का हो भाई
चारा, यही पैग़ाम हमारा !!
के एम भाई
सहयात्री
ब्रज सदभाव यात्रा 2014
cn. - 8756011826