24 अक्तूबर 2013



साहित्यकार उर्मिला शुक्ला यात्रा में शामिल होंगी
छत्तीसगढ़ प्रान्त के वरिष्ठ साहित्यकार उर्मिला शुक्ला जन संस्कृति यात्रा में शामिल होकर अपने अनुभवों से यात्रा के मकसद की पूर्ति में अपना योगदान देगी.श्रीमति शुक्ला छत्तीसगढ़ प्रान्त के नामी गिरामी साहित्यकारों में शुमार की जाती है. अभी तक इनके दो कहानी संग्रह,दो कविता संग्रह,चार समीक्षात्मक किताबें,छत्तीसगढ़ी में दो खानी संग्रह,और एक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं.छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से इन्हें कई अवार्ड मिल चुके हैं.उर्मिला शुक्ला अयोध्या से वाया दिल्ली होते हुए उत्तराखंड तक की इंसानियत का पैगाम यात्रा में भी साथ रही है.वे  आगामी २६ नवंबर को अयोध्या से काठमांडू तक की जन संस्कृति यात्रा में शामिल होकर उत्तर प्रदेश,बिहार और नेपाल के  ग्रामीण अंचलों की संस्कृति पर शोध करेगी.इसके अंतर्गत ग्रामीण अंचलों के खान पान,रहन सहन,महिलाओं के गीत,पुरुषों के गीत त्यौहार आदि शामिल है.इस संस्कृति से वे विकास की रास्ते खोज कर दस्तावेजीकरण में सहयोग करेगी.उनके यात्रा में शामिल होने की सुचना पर जन संस्कृति यात्रा के संयोजक युगलकिशोर शरण शास्त्री ने प्रसन्नता व्यक्त किया है.

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